विश्व का सबसे बड़ा चुनाव
प्रधानमंत्री मोदी: लोकतंत्र पर काला धब्बा, अब कोई ऐसा नहीं कर सकेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा चुनाव बहुत ही शानदार तरीके से संपन्न हुआ। करीब 65 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया। यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि आजादी के बाद दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का अवसर मिला है।
नए संसद भवन में पहला सत्र
18वीं लोकसभा के पहले सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने संसद भवन परिसर में कहा कि संसदीय लोकतंत्र में आज का दिन गौरवमय है। आजादी के बाद पहली बार हमारे नए संसद भवन में यह शपथ हो रही है।
आपातकाल पर निशाना
प्रधानमंत्री ने 25 जून को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र पर लगे उस कलंक को नई पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी। संविधान के हर हिस्से की धज्जियां उड़ाई गई थीं और देश को जेलखाना बना दिया गया था।
2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य
पीएम मोदी ने कहा कि संसद का यह गठन भारत के सामान्य मानवी के संकल्पों की पूर्ति के लिए है। नए उमंग और उत्साह के साथ नई गति और ऊंचाई प्राप्त करने का यह अवसर है। 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य लेकर 18वीं लोकसभा का प्रारंभ हो रहा है।
सर्वसम्मति का महत्व
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार चलाने के लिए बहुमत की आवश्यकता होती है, लेकिन देश चलाने के लिए सर्वसम्मति सबसे महत्वपूर्ण है। हमारा निरंतर प्रयास रहेगा कि हम मां भारती की सेवा करें और 140 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं को सबकी सहमति से पूरा करें।
विपक्ष को संदेश
प्रधानमंत्री ने विपक्ष से अच्छे कदमों की उम्मीद जताई और कहा कि अब तक यह निराशाजनक रहा है। भारत को एक जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है और लोग नारे नहीं, बल्कि सार्थकता चाहते हैं। उन्होंने कहा कि संसद में चर्चा और परिश्रम होना चाहिए, व्यवधान नहीं।